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आत्मा द्रव्य- पदार्थ विज्ञान -आयुर्वेद

धरती जिसे मृत्यु लोक भी कहा जाता है, क्योंकि प्रत्येक वस्तु धरती पर नष्ट होती है। हमारा शरीर जो की पंचमहाभूतों का बना हुआ है, जिसमे आत्मा निवास करती है। यह आत्मा भी अपने पिछले जन्म के पाप पुण्य के आधार पर जीवन व्यापन कर जन्म मरण के चक्र मे घूमती रहती है। यह पंचभौतिक […]

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Dik (Disha)- दिक् (दिशा)

दिक् (दिशा) निरूपण दिशा को आयुर्वेद मे दिक् (dik) भी कहा जाता है। यह 9 कारण द्रव्यों मे से एक है । स्वस्थवृत्त में इसके अनेकों उदाहरण देखने को मिलते है । शौच करते समय मुख किस दिशा में हो; किस दिशा की ओर बैठकर खाना चाहिए; किस दिशा की ओर सिर रखकर सोना चाहिए;

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काल निरूपन (Kala Nirupana)

हम सभी ने बचपन मे B. R. Chopra  जी की महाभारत अवश्य देखी होगी उस धारावाहिक में मुख्य वक्ता “काल या समय” है। इसके पहले एपिसोड में हमारा साक्षात्कार समय से होता है जो की महाभारत की अमर कथा सुनाते है। जिसमें समय या काल की महत्ता का वर्णन किया गया है का कैसे समय अनंत काल से सब कुछ देखते रहे हैं और सारा संसार काल में ही उत्पन्न होकर काल में ही समा जायेगा। जो आज है वो कल नही होगा, होगा तो सिर्फ़ काल, जो की शाश्वत, अनंत, अनादि है। इस ब्लॉग में हम काल के विषय में अपना ज्ञान वर्धन करेंगे और जानेगे की काल का आयुर्वेद में क्या महत्व है।

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